हरदोई। पशु गणना 2025 के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं। मेहनती गधे और वफादार कुत्ते अब हरदोई की गलियों से लगभग गायब हो चुके हैं। जिले में गधों की संख्या 137 से घटकर सिर्फ 19 रह गई है, जबकि कभी 24 हजार से ज्यादा रहे कुत्तों की गिनती अब घटकर महज 1853 पर आ गई है।
पांच साल में न सिर्फ गधे और कुत्ते बल्कि खच्चर, खरगोश, सूअर, घोड़े, गाय और भैंस जैसे पारंपरिक पशु भी तेजी से घटे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि खच्चरों की गिनती अब शून्य हो चुकी है। वहीं, गायों की संख्या में 1.90 लाख और भैंसों में 1.82 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।
हर तरफ गिरावट, बस मुर्गियां ही मुस्कुरा रहीं
जहां एक ओर पारंपरिक मवेशियों की संख्या घटी है, वहीं मुर्गियों की तादाद में चार गुना इजाफा हुआ है। वर्ष 2020 में जहां जनपद में 71 हजार मुर्गियां थीं, अब इनकी संख्या 2.80 लाख से ज्यादा हो चुकी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार की पोल्ट्री फॉर्मिंग को बढ़ावा देने वाली योजनाएं इसके पीछे एक बड़ा कारण हैं।
कुछ और अहम आंकड़े:
खरगोश: 5293 से घटकर 113
सूअर: 11540 से घटकर 4124
घोड़े: 1178 से घटकर 893
भेड़: 17,261 से घटकर 12,255
क्या कहते हैं अफसर?
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए.के. सिंह के अनुसार, “पशुगणना में भारी गिरावट देखने को मिली है। हम इसके पीछे की वजहों की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद योजना बनाकर समाधान की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।”