कानपुर। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी 2025 कानपुर शहर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बुधवार देर रात से ही मंदिरों में भजन-कीर्तन और झांकियों का सिलसिला शुरू हो गया। शहर के प्रमुख मंदिरों—श्री राधाकृष्ण मंदिर, जूही के इस्कॉन मंदिर, जाजमऊ स्थित गीता पार्क मंदिर और फूलबाग स्थित राधा-कृष्ण मंदिर—में हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी।
शहरभर में भक्तिमय माहौल
जन्माष्टमी के अवसर पर कानपुर की गलियां और मंदिर रंग-बिरंगी झालरों, फूलों और बिजली की जगमग लाइटों से सजाई गईं। रात 12 बजे जैसे ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, ढोल-नगाड़ों और शंखनाद से मंदिर परिसर गूंज उठा। भक्तों ने “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों के साथ कान्हा के जन्म का स्वागत किया।
इस्कॉन मंदिर में खास आकर्षण
कानपुर के जूही स्थित इस्कॉन मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष आयोजन हुआ। यहां विदेशी भक्तों ने भी भाग लिया और हरि नाम संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय बना दिया। इस दौरान झांकी दर्शन, कृष्ण लीला नृत्य और मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। मंदिर प्रांगण को फूलों और रंगीन लाइटों से सजाया गया, जिससे पूरा माहौल वृंदावन जैसा नजर आया।
झांकियों और मटकी फोड़ का आकर्षण
कानपुर के विभिन्न मोहल्लों और कॉलोनियों में भी झांकियां सजाई गईं। बच्चों ने बाल गोपाल का रूप धारण कर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। कई जगह मटकी फोड़ प्रतियोगिता आयोजित हुई, जहां युवाओं ने टीम बनाकर दही-हांडी फोड़ी और दर्शकों ने जयकारों के साथ उनका उत्साह बढ़ाया।
सुरक्षा और व्यवस्था
जन्माष्टमी पर बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए। पुलिस बल, ट्रैफिक पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। शहर के बड़े मंदिरों में CCTV कैमरे और बैरिकेडिंग लगाई गई।
शहर के कई स्थानों पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारा और मिष्ठान प्रसाद वितरण का आयोजन हुआ। मंदिरों में पंचामृत अभिषेक किया गया और भक्तों को माखन-मिश्री का प्रसाद दिया गया।