उत्तर प्रदेश। वो लड़की महज़ 20 साल की थी। आंखों में सपने थे, भरोसे से भरा दिल था। जिस गांव में वो पली-बढ़ी, वहां की गलियों, लोगों और रिश्तों पर उसे विश्वास था। मगर उसे क्या पता था कि जिस इंसान को वह जानती थी, वही उसकी दुनिया को एक झटके में तहस-नहस कर देगा।
ये कहानी है कासगंज जिले की, जहाँ एक युवती के साथ उसी के गांव के एक युवक ने बलात्कार किया। युवक न सिर्फ पहले से शादीशुदा है, बल्कि दो बच्चों का पिता भी है। इस सबके बावजूद, उसने उस लड़की को अपने जाल में फंसाया। पहले दोस्ती की, फिर भरोसा जीता, और जब लड़की ने थोड़ा सा भरोसा किया, तो उसने अपनी हवस का शिकार बना डाला।
पीड़िता ने जब साहस जुटाकर थाने का दरवाज़ा खटखटाया, तो केस दर्ज हुआ। लड़की का बयान दर्ज हुआ और आरोपी को हिरासत में लिया गया। अब जब मामला कोर्ट तक पहुँचा, तो आरोपी ने अदालत में खड़े होकर कहा—”ये उसकी गलती नहीं थी… मैंने ज़बरदस्ती की थी। लेकिन अब मैं उससे शादी करूंगा।”
ये सुनते ही कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया। लड़की और उसके परिजन की आंखों से आंसू बह निकले। सवाल ये नहीं था कि अब आरोपी क्या चाहता है, सवाल ये था कि अब समाज क्या करेगा?
क्या बलात्कार के बाद शादी का वादा इंसाफ है? क्या एक लड़की की अस्मिता इतनी सस्ती है कि उसे शादी के नाम पर भुला दिया जाए?
लड़की की मां ने रोते हुए कहा—
“हमने अपनी बेटी को अच्छे संस्कार दिए। उसे पढ़ाया, आगे बढ़ाया। पर अब समाज ताने दे रहा है। कहते हैं— शादी कर लो, सब ठीक हो जाएगा। क्या वाकई सब ठीक हो जाएगा?”
वहीं, पीड़िता खुद सदमे में है। उसने कहा,
“मैंने उससे कभी कुछ नहीं चाहा। ना प्यार, ना रिश्ता… सिर्फ दोस्त समझा। पर उसने जो किया, उससे मैं टूट गई हूं। अब वो शादी करना चाहता है? क्या ये मज़ाक है मेरी जिंदगी का?”